Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -26-Apr-2023 बचपन की यादें


                            बचपन की यादें


      रागिनी आज बहुत खुश थी। उसने उस समय जो निर्णय  लिया था उस पर उसे आज गर्व महसूस हो रहा था उसने मनोज को अपना जीवन साथी चुनकर बहुत अच्छा किया था। सागर ने तो उसकी आँखें खोलदीथी।

     रागिनी को अपने बचपन की यादें ताजा होगयी। तब वह लगभग सोलह साल की थी और दसवी की परीक्षा में उसने अपने स्कूल को टाप किया था। तब उसके पापा ने उसे नया एन्ड्रोड फौन गिफ्ट में दिया था।

   रागिनी को जब नया फौन मिला तब उसने नयी नयी फेशबुक  चलाना सीखा था।

            इसी बीच उसके मोबाइल पर एक दिन  उसके पास उसकी  Facebook पर, एक लड़के की Friend Request आई पहले तो  रागिनी सोचती रही  कि रिक्वेस्ट को डिलीट कर दूं पर फिर सोचने लगी  कि एक बार इसकी प्रोफाइल देख लेती हूं।  रागिनी उस लड़के की प्रोफाइल देखती है जिसमे उसको कुछ भी गलत नही दिखता। प्रोफाइल पर फोटो भी अच्छी लगी थी तब रागिनी  ने सोचा कि "चलो रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर लेती हूं, और अगर लड़का बत्तमीज हुआ तो इसको बाद में मैं ब्लॉक कर दूंगी" यही सोच कर उसने रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली। लड़के का नाम सागर था।

      रात  को उस सागर का Inbox में मेसेज आता है। दोनो थोड़ी बातें करते हैं और रागिनी को पता चलता है कि वह उसी के शहर में रहता है। दोनो रोज बातें करने लगते है और  इस तरह एक दूसरे को पसंद भी करने लगते हैं।

               फिर एक दिन रागिनी ने सागर  को बताया कि उसके मम्मी, पापा और भाई एक दिन के लिए बाहर जा रहे हैं उसकी Exam है तो वो घर पर ही रह कर पढ़ेगी, तो सागर ने उसको कहा " वाह, ये तो बहुत अच्छी बात है, मै तुमसे मिलने तुम्हारे घर आ जाता हूं, दोनो मिल कर खूब मस्ती और खूब मजा करेंगे"।

           तब  रागिनी ने उसको कहा,"  नही, घर पर अकेले में नही, अगर तुमको मिलना है तो हम किसी कॉफी शॉप में मिल सकते हैं।"

            यह सुन कर सागर  बोला: "तुम भी ना क्या पुराने ज़माने की बातें कर रही हो, आज का जमाना अलग है, आजकल सब चलता है और अकेले मिलने में बुराई ही क्या है?"

             यह सुनकर रागिनी बोली: "अगर अकेले मिलने में कोई बुराई नही है, तो तुम अपनी बहन को मेरे भाई के कमरे मे अकेले  भेज सकते हो एक रात के लिए ।"

          यह सब  सुनते ही  सागर एक दम से  भड़क गया और चिल्लाते हुए बोला , "तेरा दिमाग तो सही है, जुबान संभाल कर बोल जरा। "

      तब रागिनी बोली: "क्यों  अब क्या होगया ? कहां गई तेरी आधुनिकता? आज का जमाना? सब चलता है? और क्या फर्क पढ़ता है?  अब तेरी नयी सोच का क्या हुआ ? तू अब इतना क्यौ भड़क रहा है ?.अपनी बहन की बात आई तो तेरी आज की सोच पर ताला लग गया क्या? तू भी पुराने ज़माने में चला गया क्या?"

        रागिनी  की तर्कपूर्ण  बातें सुन कर  सागर  के पास कोई जवाब ही नहीं था।

            तब रागिनी ने आखरी बात बोली.. "जो तुम अपनी बहन के साथ होता नही देख सकते हो, उसको दूसरों की बहन के लिए भी मत सोचो । बहन तो बहन ही होती है वो चाहे किसी की भी हो, और गलत हमेशा गलत ही रहेगा वो चाहे किसी भी ज़माने में क्यों ना हो"
इतना कह कर उस रागिनी ने सागर  को हमेशा के लिए ब्लॉक कर दिया।

      रागिनी उस बाक्या को याद करके आज भी सिहर जाती थी। ऐसे लोगों पर भरोसा करना अपनी जिन्दगी को बरवाद करना है।

      आजकल फेसबुक पर अक्सर एसे केस हर रोज ही मिल जाते हैं ।आजकल गलत नामसे फेसबुक बनालेते है और लड़किया उनकी चिकनी चुपडी़ बातौ में फस जाती है इसके बाद उनके वीडियो बनालेतेहै जिनको सौशल मीडिया पर डालने का डर दिखाकर ब्लैकमेल किया जाता है।

       आज बहुतसी रागिनी फसजाती है वह इस दलदल से बाहर भी नही जासकती हैं।

आज की दैनिक प्रतियोगिता हेतु रचना।
नरेश शर्मा " पचौरी "

   10
8 Comments

Varsha_Upadhyay

27-Apr-2023 05:03 PM

👏👌

Reply

अदिति झा

27-Apr-2023 02:57 PM

Nice 👍🏼

Reply

kashish

27-Apr-2023 02:16 PM

nice

Reply